असम में बाढ़ से भारी तबाही, हजारों बेघर
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जर्मनी में चल रहे जी-7 बैठक में दुनिया के विकसित देशों की कई चिंताएं हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दूसरी समस्याओं के लिए दुनिया के नेताओं को भारत एक ’सोल्युशन प्रॉवाइडर’ लग रहा है। यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पीएम मोदी से मिलने के लिए उनके पास आए और उनका अभिवादन किया। इसमें पीएम मोदी की मौजूदगी बेहद सकारात्मक दिख रही है। इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा ऊर्जा तक पहुंच अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए। गरीबों को भी ऊर्जा का समान अधिकार होना चाहिए। पीएम मोदी ने पहले सेशन में जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य के विषय पर बात की।
कारों के लिए हाइब्रिड तकनीक समय की मांग है। मारूति का कहना है कि हाइब्रिड प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक गैस और जैव ईंधन से चलने वाले वाहन इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में बेहतर है। मारुति, सुजुकी मोटर कॉर्प और टोयोटा के बीच साझेदारी के तहत पहली हाइब्रिड कार लॉन्च करने की योजना बना रही है। मारुति के पास वर्तमान में नौ कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस मॉडल हैं और वह इस तरह के और वेरिएंट पेश करने की योजना बना रही है। कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस एक जीवाश्म ईंधन है, यह उत्सर्जन के मामले में सबसे स्वच्छ जलने में से एक है।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने यूरोप के वर्तमान नेताओं की चर्चा करते हुए महात्मा गांधी को याद किया। उन्होंने कहा, ‘(पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति) चार्ल्स द गॉल किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति पर उंगली उठा सकते थे, लेकिन आज के किस यूरोपीय नेता में बिना हाथ कांपे ऐसा करने का दम है!’ जर्मनी और इटली के मौजूदा राष्ट्र प्रमुखों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पहनावे को भी लपेटे में लिया। मेदवेदेव ने राष्ट्रपति पुतिन के एक पुराने मजाक को याद किया। पुतिन ने पांच साल पहले कहा था, ‘महात्मा गांधी की मौत के बाद से कोई नहीं है जिससे बात की जा सके।’ इसी को संदर्भ बनाकर मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिका के पक्ष में नीतियां यूरोपीय नेताओं के पतन को दिखाती हैं।
यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंध उसकी तेल नीति की वजह से नाकाम साबित हुए हैं। भारत और चीन आज रूस से लगभग उतनी ही मात्रा में तेल खरीद रहे हैं जितना यूक्रेन युद्ध से पहले पश्चिम खरीदा करता था। इससे रूस पर अमेरिका और पश्चिम के लगाए प्रतिबंध बेअसर साबित हो गए हैं। मालूम हो कि रूस द्वारा अपने तेल की कीमतों में छूट दिए जाने से भारत और चीन रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहे हैं। इस वजह से रूस की तेल से होने वाली आय प्रतिबंध पूर्व की आय से भी ज्यादा हो गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने की तैयारी कर ली है। उन्होंने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है। वे अपने सामान के साथ पैतृक आवास मातोश्री लौट गए हैं। वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे का नाम शरद पवार और कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए सुझाया गया है। इस सुझाव के बाद गुवाहाटी में मौजूद 17 विधायक मुंबई वापस आने के लिए तैयार हो गए हैं।
नेशनल हेराल्ड मामले में 5 दिन कड़ी पूछताछ का सामना कर चुके राहुल गांधी ने अपने धैर्य और सहनशक्ति की वजह विपश्यना को बताया है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एक मीटिंग में राहुल ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि पार्टी कार्यकर्ता उनके धैर्य की असल वजह हैं। पर मजाक में उन्होंने विपश्यना को इसकी वजह बताया। ईडी में सोनिया गांधी की भी पेशी होनी थी, लेकिन बिगड़े स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें आज की पेशी से राहत दे दी गई है।
भारत की सुरक्षा मानकों को प्रमाणित करने वाली कंपनी इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग रूस के तेल निर्यातक जहाजों के लिए मददगार साबित हुई है। कंपनी ने रूस के शीर्ष शिपिंग ग्रुप सोवकोम्फ्लोत की दुबई स्थित एक इकाई के दर्जनों जहाजों को सुरक्षा प्रमाणपत्र दिए हैं। इससे ये जहाज भारत और अन्य देशों को तेल की आपूर्ति कर पा रहे हैं। मालूम हो कि रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों के बाद पश्चिमी देशों की प्रमाणन कंपनियों ने रूस की तेल कंपनियों से अपने प्रमाणन वापस ले लिये थे। अब बीमा कवरेज के बाद दिए जाने वाले इस प्रमाणपत्र के साथ रूसी जहाज कच्चे तेल को विदेशी बाजारों में पहुंचा पा रहे हैं।
ध्वस्त हो चुकी श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ही उबार सकता है। यह कहना है श्रीलंका के प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे का। विक्रमसिंघे इन दिनों श्रीलंका पहुंची आईएमएफ की टीम के साथ 6 बिलियन डॉलर की मदद का करार करने की कोशिश कर रहे हैं। उधर तमिलनाडु सरकार ने 67.70 करोड़ की राहत सामग्री की दूसरी खेप बुधवार को श्रीलंका के लिए रवाना की।
आज से चीन में शुरू हो रहा दो दिवसीय 14वां ब्रिक्स सम्मेलन वर्चुअल रूप में होगा। पीएम मोदी भी इसमें वर्चुअली भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना इस विश्वास के साथ की गई थी कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं का यह ग्रुप वैश्विक समृद्धि का इंजन साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोविड महामारी के बाद की दुनिया में ब्रिक्स देश अहम भूमिका निभाएंगे। ब्रिक्स में रूस, भारत, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।